दोस्तों अभी अभी एक दोस्त ने ये तस्वीर भेजी है सोचा आपसे साझा करूँ...........
कहानी: एक गुम-सी चोट
22 घंटे पहले
बैंक में नही था बैलेंस घर में नही है आटा उस पर भी कर दिया है अब नौकरी को टाटा दिल ऐ नादाँ तुझे हुआ क्या है...(बकौल राजकुमार केसवानी)
3 comments:
यहाँ किसी का शौक है दिखते जो मजदूर।
दूजे रोटी के लिए हो जाते मजबूर।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
good job
very good observation...
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