दोस्तों अभी अभी एक दोस्त ने ये तस्वीर भेजी है सोचा आपसे साझा करूँ...........
खुआन रामोन खिमेनेज की कविताऍं
19 घंटे पहले
बैंक में नही था बैलेंस घर में नही है आटा उस पर भी कर दिया है अब नौकरी को टाटा दिल ऐ नादाँ तुझे हुआ क्या है...(बकौल राजकुमार केसवानी)
3 comments:
यहाँ किसी का शौक है दिखते जो मजदूर।
दूजे रोटी के लिए हो जाते मजबूर।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
good job
very good observation...
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