अधिनायक


इस गणतंत्र दिवस पर मेरे प्रिय कवि रघुवीर सहाय की कविता अधिनायक आप लोगों के लिए

राष्ट्रगीत में भला कौन

वह भारत-भाग्य-विधाता है

फटा सुथन्ना पहने जिसका

गुन हरचरना गाता है।

मखमल टमटम बल्लम तुरही

पगड़ी छत्र चंवर के साथ

तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर
जय-जय कौन कराता है।

पूरब-पश्चिम से आते

हैं नंगे-बूचे नरकंकाल
सिंहासन पर बैठा,

उनकेतमगे कौन लगाता है।

कौन-कौन है वह जन-गण-मन

अधिनायक वह महाबली
डरा हुआ मन बेमन जिसका
बाजा रोज बजाता है

2 comments:

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice.
http://loksangharsha.blogspot.com/

चन्दन ने कहा…

perfect comment on the 60th birthday of constitution.