मित्र- कथाकार चंदन पाण्डेय ने ब्लॉग पर लिखने की पहल कर दी है। यूँ दस्तक तो उसने काफी पहले दे दी थी लेकिन उसका कहना है की अब वह इस पर नियमित रूप से लिखेगा। हालाँकि अभी किसी तरह का अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी पर फ़िर भी चंदन के ब्लॉग पर अब तक जो पोस्ट आयी हैं उनमे उसका ख़ुद का लिखा हुआ कम ही है।
व्यक्तिगत रूप से मेरे मन में ये सवाल उठ रहा है की अगर चंदन ब्लॉग पर नियमित रूप से लिखेगा तो वो क्या होगा ? कवितायें, लघु कथाएँ, कहानियां या वैचारिकी। चंदन क्या यहाँ भी अपनी कहानियों का सा जादुई संसार रचेगा, या फ़िर इस नयी विधा से जुड़ना कहीं उसकी रचना धर्मिता पर नकारात्मक प्रभाव तो नही डालेगा?
बहरहाल ये सब बातें तो मैं चंदन से पूछ ही लूंगा लेकिन आप चंदन के ब्लॉग पर यहाँ से जाइए और अपनी राय दीजिये...
चंदन का ब्लॉग
कहानी: एक गुम-सी चोट
7 घंटे पहले
6 comments:
aapke jehan me uth rahe swaalon ka bhi khulasa jald hi hogaa!!
संदीप,तुम्हारा सोचना दुरुस्त है.पर बात चंदन पांडे की हो तो मैं अनुमान नहीं लगाता इंतज़ार करता हूँ.और बाक़ी लोंगो को भी यही करते देखने में ख़ुशी अनुभव करता हूँ.
चन्दन को कहानियाँ भी लिखना चहिये ।
प्रतीक्षा रहेगी।
डराओ मत मेरे भाई, कहानी ही लिखूँगा और ब्लॉग भी लिखूंगा। अभी तो मेरे पास इतनी बातें हैं कि मैं समझ नहीं पा रहा, अपने नये – नवेले ब्लॉग पर क्या पहले लिखूँ और क्या बाद के लिये रखूँ?
बस आप लिखते रहिए चंदन..
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