विचारधाराओं का टकराव...

उसने कहा, हमारे बीच विचारधाराओं का टकराव है
मैंने कहा, लेकिन मेरे पास तो विचार है ही नही
उसने कहा, झूठ बोलते शर्म नही आती
मैंने कहा, मैं सच कह रहा हूँ
उसने कहा, तुम तो बड़े विचारक बनते हो. तो क्या वो सब ढोंग है
मैंने कहा हाँ लेकिन हमारी दोस्ती तो ढोंग नही है न ?
उसने कहा नही ये कैसे होगा हमारी दोस्ती तो मिसाल है औरों के लिए...
उसके होठों पे मुस्कराहट थी
उसने मुझे गले लगा लिया और धीरे से कान में कहा
तुम कुछ भी कहो यार हिंदू आतंकवादी नही हो सकते...

4 comments:

Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झा ने कहा…

संदीप सोचान होगा, कौन आतंकवादी हो सकता है और कौन नहीं.. क्य कभी हमने सोचने की कोशिश की है कि आतंकवादी का मजबह क्या होता है।
नेताओं से पूछिए- लंबा ....दे देंगे।

खैर, मौजू विषय उठाने के लिए शुक्रिया।

roushan ने कहा…

क्या पता ?

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

baat bilkul theek hai, lekin yahi haalat rahe to kuchh dino baad hindoo bachenge hi nahi

Unknown ने कहा…

accha likhte ho aap