tag:blogger.com,1999:blog-7921784057314610806.post1832947732390350846..comments2023-08-03T17:41:29.390+05:30Comments on दिल-ए-नादाँ: नया साल आ गयासंदीप कुमारhttp://www.blogger.com/profile/01263206934797267503noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7921784057314610806.post-72014095793741441292010-01-02T20:53:08.617+05:302010-01-02T20:53:08.617+05:30बहुलार्थी है। एक तरह से देखें तो जो यों ही जीवन जी...बहुलार्थी है। एक तरह से देखें तो जो यों ही जीवन जी लेते हैं बिना कुछ किये धरे, उन पर एक करारा व्यंग्य।चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06676248633038755947noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7921784057314610806.post-26302404175125196522010-01-02T19:03:59.834+05:302010-01-02T19:03:59.834+05:30गोया !!खूब कहा ....गोया !!खूब कहा ....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7921784057314610806.post-68799721239405653012010-01-02T15:45:51.436+05:302010-01-02T15:45:51.436+05:30वाह क्या बात है संदीप जी सकारात्मकता और आशा वाद ह...वाह क्या बात है संदीप जी सकारात्मकता और आशा वाद ही जीवन जीने की कला है और परिवर्तन ही प्रकर्ति है नवीनता नवयोवंता ही जीवन है<br />बहुत ही बेहतरीन कविता बधाई<br />सादर<br />प्रवीण पथिकप्रवीण शुक्ल (प्रार्थी)https://www.blogger.com/profile/01003828983693551057noreply@blogger.com